लिबरल ट्विटर योद्धाओ की बेशर्मी देखिए कि, सच को सच दिखाने पर वो मीडिया, आम लोग, यहां तक की मेडिकल कर्मचारियों को भी इस्लामोफोबिक बताने लगे। लेकिन बीमारी को धर्म के चश्मे से ना देखने वाले यही लोग उसी वक़्त मंदिर, पंडित, पूजा, आरती, आदि पर निरंतर प्रहार करते नज़र आये।