जिसके भाई को जेल भेज दिया गया हो, पत्नी और भाभी बेघर हो गईं हो, ससुर की नौकरी छीन ली गई हो, वह इन मुसीबतों में भी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटा, बल्कि मुसीबतों के पहाड़ को चीरता चला गया। उस त्याग, समर्पण और राष्ट्रभक्त का नाम है सावरकर।
शिकागो विश्वविद्यालय, अमेरिका की शोध संस्था ‘एपिक’ द्वारा तैयार ‘वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक’ का नया विश्लेषण दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति राज्य के नागरिकों की ‘जीवन प्रत्याशा’ (Life Expectancy) औसतन 3.8 वर्ष कम करती है।
दीपक चौरसिया ने इस पुस्तक में कूड़े कचरे का अर्थशास्त्र समझाया हैं। उनका मानना है कि दुनिया में कूड़ा कबाड़ जैसी कोई चीज नहीं है। अगर कुछ कूड़ा कबाड़ है तो वह हमारी सोच के कारण है।
सोची समझी रणनीति के तहत मोदी विरोधियों को उद्बोधन के लिए बुलाया गया था। नए छात्रों को पत्रकारिता की चुनौतियों से निपटने की बजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को चुनौती के रूप में पेश किया गया। पूरे सत्र के दौरान मोदी को खलनायक के रूप में पेश किया गया।
माखनलाल पत्रकारिता विवि में अब नौकरी के लिए नए मानक तय किए गए हैं। विवि ने उन लोगों को नौकरी दी जा रही है जिन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरियाने में महारथ हासिल है, जिन्होंने मोदी को गरियाने में पीएचडी की हो।