हफ्ते पहले इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर बनने की खबर सुनाई दी. मंदिर के लिए पाकिस्तान की सरकार 4 कनाल जमीन और 10 करोड़ दे रही थी. पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं की यह पाकिस्तान सरकार से मांग थी कि वह एक मंदिर बनाएं परंतु पाकिस्तान की सरकार इस्लामिक राजनीति के आगे झुक गई जो कि कोई नई बात नहीं है.
हिन्दू संस्कृति के अलावा इस देश को कश्मीर से कन्याकुमारी, कच्छ से इटानगर तक कोई एक नहीं रख सकता है, कारण हर जाति, जन - जाति और धर्म के मूल में हिन्दू संस्कृति की झलक दिखती है।
कोरोना महामारी देश में फैली जिसके पश्चात देश ने तबलीगी जमात के बारे में जाना कि यह जमात क्या कार्य करती है। धर्म को संस्कृति से आगे रखकर मुसलमानों में धार्मिक चेतना की आग को और तेज करना चाहती है जिसके परिणाम स्वरूप यह दुनिया खुद ही दो हिस्सों में बट जाएगी।