आज जब कश्मीर में झूठी आज़ादी के नाम पर हजारों की संख्या में बच्चे और जवान हथियार लेकर हज़ारों जवानों की हत्या कर रहे है और कुछ लोग धर्मगुरु बनकर धर्म की रक्षा की झूठी लड़ाई छेड़े हुवे है तो ऐसे में उन लोगों को तिब्बत के लोगों से और दलाई लामा से ये सीख लेनी चाहिए कि अगर आपकी आज़ादी की लड़ाई सच्ची है तो इस लड़ाई में आपको हथियारों की कोई ज़रूरत ही नही पड़ती है।