प्यारे लेफ्ट लिबरल्स, तुम एक बात भूल गए, तुम न जाने कितने दशकों से एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हो, लेकिन हमारी सभ्यता, संस्कृति, आदत, खान पान, शादी विवाह, परिवार, बच्चे, करवा चौथ, होली, दिवाली, रक्षाबंधन, भाई दूज, पोंगल, खिचड़ी, छठ, कावड़ यात्रा, अर्ध कुम्भ, महा कुम्भ, राम नवमी , शिवरात्रि, विजयदशमी, दुर्गा अष्टमी, चारों धाम, गंगा दशहरा, पांच कोसी परिक्रमा, लाल बाग़ के राजा की शान कछु नाही बदल पाए।
प्रिय लेफ्ट लिबरल्स, ये जान लो, तुम्हारी नौटंकियों का समय अब समाप्त होता हैं। बहुत दिनों से हमको बहुत बेवकूफ बना लिया अब और नहीं। तुम्हारी एक एक चाल हम समझते है और समय पड़ने पर तुमको कड़ी टक्कर मिलती रहेगी।
नेहरू गाँधी खानदान की महानता की जो गाथाए जो बड़ी मेहनत से बनायीं गयी हैं, और जनता के सामने एक छवि प्रस्तुत की गयी हैं, उस पर घनघोर खतरा हो उत्पन्न हो गया हैं।