Saturday, April 20, 2024
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अजीत भारती

पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

बुलंदशहर काण्ड: वामपंथी गिरोह बी लाइक- ‘दंगे नहीं हुए यार, मज़ा आ जाता’

इन लोगों को #BulandshahrViolence की दो मौतों पर पढ़ने और सुनने पर यही लगता है कि ये लोग निराश हैं। निराश इस बात से नहीं कि एक इन्सपेक्टर और एक युवक की मौत हुई, बल्कि इसलिए कि वहाँ कितना कुछ होने का पोटेंशियल था, जो कि नहीं हुआ।

हे मोदी-विरोधियों! अपना स्तर उठाओ, भक्त हर स्तर की डिबेट करने को सक्षम है

हाँ भी तुम्हारा दोगलापन झलकता है क्योंकि तुम उस पार्टी के साथ खड़े हो जाते हो जिसने मोदी को चूहा, मेंढक, दिमाग़ी रूप से दिवालिया, मौत का सौदागर, ज़हर की खेती करने वाला, लुटेरा, बर्बादी लाने वाला, रावण, यमराज, हिटलर, पागल कुत्ता, और भी ना जाने क्या क्या कहा था।

लिबरलों का इन्टॉलरेन्स और अप्रासंगिक डिब्बाबंद प्रोग्रेसिव विचारकों की छटपटाहट

लिबरल लोगों के दोहरे मानदंड तब और प्रत्यक्ष हो जाते हैं जब ये उस झुंड से मिल आते हैं जहाँ कोई विचार इनसे दूर दूर तक नहीं मेल खाते।

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