इन लोगों को #BulandshahrViolence की दो मौतों पर पढ़ने और सुनने पर यही लगता है कि ये लोग निराश हैं। निराश इस बात से नहीं कि एक इन्सपेक्टर और एक युवक की मौत हुई, बल्कि इसलिए कि वहाँ कितना कुछ होने का पोटेंशियल था, जो कि नहीं हुआ।
हाँ भी तुम्हारा दोगलापन झलकता है क्योंकि तुम उस पार्टी के साथ खड़े हो जाते हो जिसने मोदी को चूहा, मेंढक, दिमाग़ी रूप से दिवालिया, मौत का सौदागर, ज़हर की खेती करने वाला, लुटेरा, बर्बादी लाने वाला, रावण, यमराज, हिटलर, पागल कुत्ता, और भी ना जाने क्या क्या कहा था।