केसरी ये कपाल है।
केसरी गंगा में बेहता
केसरी महाकाल है।
केसरी महाराणा है
और केसरी है इसकी शान।
केसरी है शिवाजी
और केसरी है इसका निशान।
अहिल्या के ही कारन है
केसरी दीप ज्वलंत यहाँ।
जिजाऊ के ही कारन
केसरी प्रण अनंत यहाँ।
अब्बक्का का है
वज्र केसरी।
ओब्बाव्वा की
मुसल केसरी।
चिन्नम्मा का है
तीर केसरी।
रायन्ना का
हर गुरिल्ला केसरी।
लचित का है
अश्व केसरी।
तानाजी का
हर वार केसरी।
उधम की है
भूति केसरी।
भगत का
बलिदान केसरी।
केसरी वीरों को अर्पन
केसरी यहाँ पिंड है।
केसरी शोणित से विभूषित
केसरी पावनखिंड है।
केसरी है विद्रोह इसका
केसरी है हर ग़दर।
केसरी आगोश में यहाँ
केसरी है हर डगर।
सनातन धरा की है
केसरी हर दास्ताँ।
केसरी है आभा इसकी
केसरी है चेतना।
केसरी है माटी इसकी
केसरी है आसमान।
हिंद की चादर में लिप्टा
हिन्द का हिंदुस्तान।