संदीप तमगड़े ने खुद ये स्वीकार किया था कि तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर केस में अमित शाह के खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं है. बावजूद इसके कि अमित शाह को इस मामले में कब का बरी किया जा चुका है, मीडिया का एक भाग जबरदस्ती केवल एक पीआइएल के आधार पर उनका नाम घसीटने को आतुर है.