Although Islamists and so-called secularists are branding this film as mere propaganda stuff, in reality such incidents have happened in the past and still happening, where innocent young girls sneak away from their homes and join terrorist groups such as Islamic State (ISIS) thus finally ending up as sex slaves.
फूलों सी कोमल एवं नाजुक हमारी जिन बहिन बेटियों पर हम कभी हाथ भी नही उठा पाते; उन्ही बहिन बेटियों को इन इस्लामिक नरपिशाचों ने किस प्रकार भेड़ियों की तरह नोंच नोंच कर मार डाला वो वास्तविकता इस मूवी में दिखाई गयी है और सबसे बड़ी विडम्बना की बात ये है कि हम सब अभी तक इस वास्तविकता से अनभिज्ञ थे, पूरी तरह अनजान थे।
फिल्म विदेशों में भी रिलीज हुई थी और इसे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी। लेकिन ब्रिटेन में फिल्म द केरला स्टोरी की स्क्रीनिंग के दौरान एक ऐसी घटना हुई जिसमें एक मुस्लिम संगठन ने फिल्म की स्क्रीनिंग में बाधा डाली।