अशोक स्तम्भ भले ही मौर्यकाल की निर्मित हो किन्तु उसमें अंकित चित्र व भाव भारतीय संस्कृति की उस धारा के उज्ज्वल आयाम है जो अनादिकाल से अनवरत प्रवाहित है।
From the beginning of human history Bhartiyas saw Bharat as a full fledged 'Rashtra' Many of us are of the impression that Western nationalism is the English equivalent of our 'Rashtriyatva'.