Thursday, April 25, 2024

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Religious Customs

धार्मिक उन्माद या जल प्रदूषण

आदिकाल से ही सनातन धर्म के अनुयायी प्रकृति एवं उसके तत्वों को देवतुल्य मानकर उनकी आराधना करते आए हैं, फिर चाहे वह पर्वत हो या नदियां, पेड़ हो या धरती।लेकिन समय के साथ हम जाने अनजाने उन्हीं पूजनीय तत्वों को प्रदूषित कर रहे हैं।

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