भाजपा की राजनीति के सामने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को बहुत चौकन्ना रहने होगा, ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा संख्याबल ना होने के बाद भी तीसरी सीट जीत पाती हैं या नहीं, अगर भाजपा अपने मिशन में सफल हो गई तो ये महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए भी किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा.