कश्मीरी अवाम ने विगत 17 महीनों में जिस शांति, सद्भाव, सहयोग, समझदारी, परिपक्वता एवं लोकतांत्रिक भागीदारी का परिचय दिया है, दरअसल उसे ही भारत के लोकप्रिय एवं यशस्वी प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटलबिहारी बाजपेयी ने कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत का नाम दिया था और यह निर्विवाद एवं अटल-सत्य है कि कश्मीरी पंडितों एवं ग़ैर मज़हबी लोगों को साथ लिए बिना वह कश्मीरियत-जम्हूरियत-इंसानियत आधी-अधूरी है।