If doubting the veracity of the strikes by the likes of the NCP’s Majid Memon, Sharad Pawar, Mamata Bannerjee etc. is not politicization, then what is?
क्या विपक्षी दलों के नेता इस देश की जनता को इतना बेबकूफ समझते हैं कि वे एक के बाद एक देश-विरोधी बयान देते जायेंगे और इस देश की जनता इनके इन बयानों से खुश होकर इन्हे लोकसभा चुनावों में वोट दे देगी