Gandhi’s non-violence was of extreme (Charam-panthee) type and anything extreme is unsuitable for human society specifically when it was applicable only on Hindus of British India, who were followers of the Indian National Congress.
मै बकरी हुँ, मै और मेरा समुदाय हमारा पालन पोषण करने वाले मानवो के लिए एक उद्योग या रोजगार के माध्यम के रूप में देखे जाते और उपयोग में लाये जाते रहे हैँ।