Historically the left- liberals or communists maintained aloofness form religion, but as there is always an Indian touch to everything this is not the case in India.
अब्दुल मियाँ की दुकान बढ़िया दूर से ही पहचान में आ जाती है। दसियों हरे झंडे दिखाई देते हैं। यही तो पहचान है जिसे गाँव के बुद्धिजीवी किलोमीटर से सूंघ लेते हैं।