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Manuvaad
भारत में जातिवादी टकराव सच है या राजनीति
हाल के ही दिनों में दो प्रमुख घटनाएँ सामने आयीं है जिसे देख के लगता है की भारत में जातिवादी भावना भरी गई है ताकि हिन्दुओं में टकराव बना रहे और कुछ तथाकथिक धर्मनिरपेक्ष राजनितिक दल अपना प्रभाव और प्रभुत्व भारत में बना के रख सकें।
बाबा साहब अम्बेडकर की दृष्टी में मनुवाद (भाग 3)
डा. अम्बेडकर ने हिन्दू धर्म पर सारा विचार वर्ण व्यवस्था को धर्म का केन्द्र बिन्दु मान कर रखा।
बाबा साहब अम्बेडकर की दृष्टी में मनुवाद (भाग 2)
बाबा साहब के अनुसार गाँधी अपनी अछूतों के मसीहां की इमेज को स्वराज के चैम्पियन की छवि से अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं।
बाबा साहब अम्बेडकर की दृष्टी में मनुवाद (भाग 1)
बाबा साहब के अनुसार हिन्दू सामजिक व्यवस्था वर्णों और व्यक्तियों के बीच की असमानता पर आधारित है।