Maharana Partap was extremely talented from his childhood and he was so full of self-respect that people with the foresightedness saw a great warrior in him.
महाराणा का जीवन वर्तमान का निकष है, उनका व्यक्तित्व स्वयं के मूल्यांकन-विश्लेषण का दर्पण है। क्या हम अपने गौरव, अपनी धरोहर, अपने अतीत को सहेज-सँभालकर रख पाए? क्या हम अपने महापुरुषों, उनके द्वारा स्थापित मानबिन्दुओं, जीवन-मूल्यों की रक्षा कर सके?
अकबर ने हिंदू मंदिरों को नष्ट किया। उन्होंने एकलिंग जी की मूर्ति को ढहा दिया और उस पर नमाज अदा करने के लिए एक मंच बनाया। महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में एक भी मस्जिद को नष्ट नहीं किया।