Since the past some years a question crops up in the social media off and on, about the poor representation of Indian Muslims in the country’s politics. Raising such a issue after seven decades of independence is grossly baseless.
जब भी प्रधानमंत्री देशहित में कोई भी फैसला लेते हैं तो उसके बार में इतना घटिया तरीके से प्रचार होता हैं की लोगों में उस फैसले को लेकर भ्रम फ़ैल जाता हैं. इसका ताज़ा उदाहरण नागरिकता संशोधन कानून हैं
इस्लामी धर्मशास्त्र में “दर अल-हरब” और “दर अल-इस्लाम” के मायने क्या हैं? इन शब्दों का क्या मतलब है और यह मुस्लिम राष्ट्रों और चरमपंथियों को कैसे प्रवृत्त और प्रभावित करता है?
वर्तमान समय में भारत सहित विश्व के अधिकांश देश आतंकवाद से ग्रसित है, जिनमे इस्लामिक आतंकवाद की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में प्रश्न यह उठता है कि ऐसा क्या कारण है की आतंकवाद से इस्लाम धर्म का लगाव बढ़ता गया?