भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता २०१६ (IBC) की धारा ३३ और इसके पश्चात की धाराओं में "परिसमापन" अर्थात लिक्विडेशन (LIQUIDATION) से सम्बंधित प्रावधानों को सूचीबद्ध किया गया है।
बड़े बड़े विषेशज्ञों से विचार विमर्श करने के पश्चात सभी इस निष्कर्ष पहुंचे कि यदि बैंको और अन्य वित्तीय संस्थानों में Non-Performing- Assets की संख्या पर नियंत्रण कर उसे निरंतर काम किया जाये तो बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के पास पैसा आएगा और जब इनके पास पर्याप्त मात्रा में पैसा आएगा तो युवाओं और अन्य नागरिकों को आसान ब्याज पर ऋण उपलब्ध होंगे।
The first time voters and youths of India must understand the importance and significance of the new initiative by PM Modi because this reform is meant to save the future of millions of youths in India who wants to become entrepreneurs and look for seed money from various financial institutions.
The new IBC code, implemented by the Modi Govt., came with the promise the insolvency acts shall be defragmented and the resolution process shall be handled in a matter of days, not decades.