The victims of ‘ethnicity-based racism’ are people from the North-East states of India. The main reason behind such racism is that they do not look like ‘Indians’! Even after 73 years of independence, India does not know the history of its North-East.
No point or purpose will be served, in cacophonously clamouring that the rulers were doing this and that or not doing this and that, as neither they nor We The People know what needs to be done, until we have the VACCINE.
अभी के कोरोना संकट में जो तब्लीगी जमात ने किया वो फिर से इस बात की पुष्टि करता है की मुस्लमान परिवार सहित मरने को तैयार है लेकिन भारत के कानून को नहीं मानेगा।
ये बात अचंभित करती है कि चीन आज दुनिया के लिए खतरा बन चुका कोरोना वायरस को सुरक्षा के लिए ख़तरा नही मान रहा है। जबकि 2014 में इबोला वायरस को संयुक्त राष्ट्र परिषद ने ख़तरा मानते हुए रेजॉलूशन भी पास किया था।