आज हम बात करेंगे बाजीराव पेशवा की, जिन्होनें अपने जीवनकाल में लड़े गये सभी युद्धों में जीत हासिल की और लगभग, सम्पूर्ण भारत में कब्जा किये हुए मुगलों को खदेड़कर महाराज शिवाजी के हिन्दवी स्वराज का सपना पूरा किया।
शिवाजी का उदय केवल एक व्यक्ति का उदय मात्र नहीं था, बल्कि वह जातियों के उत्साह और पुरुषार्थ का उदय था, गौरव और स्वाभिमान का उदय था, स्वराज, सुराज, स्वधर्म व सुशासन का उदय था और इन सबसे अधिक वह आदर्श राजा के जीवंत और मूर्त्तिमान प्रेरणा-पुरुष का उदय था।
Secularism has never inspired anyone to do anything, except indulging in laziness. A nation without history is like a man without soul. We urgently need to recast our history books by focusing on a few critical points.