Saturday, April 20, 2024
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vikash98

इंटरनेट: अपराध का उत्प्रेरक

right to choice, progressive attitude, learning, education आदि का नाम देकर अपने प्रपंच को बखूबी भी चलाती हैं और आप इन ताकतों के आगे मानसिक गुलाम बनकर धीरे धीरे हाँं में हाँं मिलाना शुरू कर देते हैं अपराधी पैदा करते रहते हैं किसी बड़े अपराध के बाद हलकी सी नींद खुलती है और फिर से सो जाते हैं।

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