वर्तमान समय में भी अधिकांश दलित अपने स्वंय के लाभ मात्र के लिए अधर्मी दलित नेताओ को अपना सामर्थ्य यानी की वोट बैंक प्रदान कर रहे है, नाकि किसी राष्ट्रीय हित में।
वर्तमान की भाजपा के संगठन को देखे तो यह अतीत की कांग्रेस वाले लोकतंत्र को अपनाये हुए प्रत्येक कार्यकर्ता का सम्मान करती है, इसी का परिणाम है कि मामूली से मामूली कार्यकर्ता भी मोदी जी की तरह प्रधानमंत्री बनने की क्षमता रखता है और चुनावो में इसका परिणाम भी प्रतीत होता है।
वर्तमान समय में भारत सहित विश्व के अधिकांश देश आतंकवाद से ग्रसित है, जिनमे इस्लामिक आतंकवाद की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में प्रश्न यह उठता है कि ऐसा क्या कारण है की आतंकवाद से इस्लाम धर्म का लगाव बढ़ता गया?
हिंदुत्व की विचारधारा बढ़ाने से जो हिन्दू जातियो में विभाजित थे वो धर्म के नाम पर इकठ्टे हुए, उच्च जाति से लेकर अनुसूचित जाति के लोग भी एक ही झंडे के नीचे नज़र आये जो 2014 में बीजेपी के विजय का एक प्रमुख कारण भी रहा।