आज जम्मू -कश्मीर के पास एक सुनहरा अवसर है की वह इस फैसले को सहर्ष स्वीकार कर के खुद और आने पीढ़ी को एक स्वर्णिम भविष्य दे जिसमे आतंकवाद और अलगवाद का कोई स्थान ना हो ना ही मुफ़्ती-अब्दुल्लाह जैसे स्वार्थी-वंशवादी जैसे लोग हो जो आम कश्मीरी अवाम को सपने बेचते है।