With so much Government money involved in these projects, it was expected from the Ministry of Housing & Urban Affairs that it will keep a close watch on the implementation of the Smart City projects, but unfortunately ministry has miserably failed in monitoring the smart city projects.
कांग्रेस अपनी इस विचारधारा में कोई बदलाव करेगी, मेरे हिसाब से तो यह नामुमकिन है क्योंकि कांग्रेस ने "देशद्रोह और करप्शन" की विचारधारा पर "सेक्युलरिज्म" की पैकिंग चढ़ाई हुई है
लवासा जी सुर्ख़ियों में तब आये जब उन्होंने बहुमत के निर्णय से मोदी और अमित शाह को दी गयी "क्लीन चिट" पर सवाल उठाते हुए यह कहा कि 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में वह ज्यादातर मामलों में "क्लीन चिट" दिए जाने के पक्ष में नहीं थे
शरद पवार का "अजीबोगरीब" बयान इस बात का जीता जागता सुबूत है कि पिछले 5 सालों से कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल अपने निकम्मेपन की वजह से हुईं शर्मनाक हार के लिए EVM को जिम्मेदार बताकर जनता को बेबकूफ बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
जहां राहुल गांधी की यूके आधारित बैकओप्स लिमिटेड कंपनी की कार्यशैली संदेह के घेरे में रही, वहीं दूसरी ओर भारत आधारित बैकओप्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड भी कई विवादास्पद प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रही.
कांग्रेस पार्टी ने पिछले 70 सालों में न्यायपालिका पर अपनी ऐसी पकड़ बनाई है और इस संस्था को इतना शर्मशार किया है जिसका अंदाज़ा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 5 सालों में मोदी सरकार किसी भी कांग्रेसी को तमाम सुबूतों के बाबजूद हवालात के अंदर नहीं डाल पायी है.
कांग्रेस को प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर ऐतराज़ नहीं है, उसे खौफ अब इस बात का है कि अब उसकी सभी साज़िशों का पर्दाफाश होने वाला है. इस खुलासे के बाद जनता कांग्रेस की क्या हालत करेगी, उसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है.
चुनाव आयोग इनकम टैक्स विभाग से कह रहा है कि काले धन पर छापा डालने से पहले हमे सूचना दो-क्या चुनाव आयोग ने इस बात की व्यवस्था कर रखी है कि यह सूचना उसके यहाँ से " लीक "नही होगी और छापा पड़ने से पहले ही काला धन अपने ठिकानों से नही हटा लिया जायेगा?
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणा पात्र जारी कर दिया है. घोषणा पत्र में कुछ भी चौंकाने वाला नहीं है -जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि घोषणा पत्र पूरी तरह से देशद्रोह और आतंकवाद का समर्थन करता दिखाई दे रहा है, वे शायद कांग्रेस पार्टी के इतिहास से परिचित नहीं हैं.
आपराधिक वारदातों के बढ़ने की एक ख़ास वजह यह भी है कि जब तक केंद्र में मोदी सरकार नहीं आयी थी, तब तक तो इन अर्बन नक्सलियों को अपनी गुंडागर्दी करने की पूरी छूट मिली हुई थी क्योंकि कमोबेश इन लोगों की विचारधारा का समर्थन करने वाली सरकारें देश की सत्ता पर अपना कब्ज़ा जमाये हुए थीं.