Saturday, April 20, 2024
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ankur

संवैधानिक मूल्यों और कर्तव्यों के प्रति जागरुकता आवश्यक

संविधान की अब तक की सफलता एक महान उपलब्धि है किंतु आगामी समय में चुनौतियां भी कम नहीं है आवश्यकता है कि हम संवैधानिक व नैतिक मूल्यों को सहेजें और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, अन्यथा संविधान हीलियम के बक्से में बंद एक पुरानी पोथी से बढ़कर कुछ नहीं रहेगा।

आरसेप और भारत

आरसीईपी सदस्य भारत की वापसी की आशा में टकटकी लगाए हुए हैं और आज के कोरोना प्रभावित विश्व को भी बेहतर सामंजस्य, सहयोग, सुगमता व संबंधों में मधुरता की आवश्यकता है।

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