भारत को अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के और रूस के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कूटनीति के द्वारा तालिबान-पाकिस्तान और चीन के इस महागठजोड़ को अलग-थलग कर देना होगा, अन्यथा आने वाले समय में तालिबान भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने खड़ा होगा।