महिला सशक्तिकरण एक बड़ा विषय है, जिसे भारतीय राजनीति में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज के समय में, महिलाओं के लिए अधिक से अधिक राजनीतिक अधिकार होने चाहिए जिससे वे समाज के साथ साथ राजनीतिक दलों भी समान भूमिका निभा सके। महिला सशक्तिकरण के माध्यम से उन्हें जीवन के अलग- अलग क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मौका मिलता है और समाज में समानता और सामंजस्य की भावना फैलती है।
भारतीय राजनीति में महिलाओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। महिलाओं के लिए राजनीतिक पार्टियों में आरक्षण का प्रावधान है जो उन्हें समान अवसर प्रदान करता है। उन्हें उनके साथ होने वाली समस्याओं को उठाने का मौका मिलता है और वे नेतृत्व की भूमिका निभा सकती हैं।
पूर्वी यूपी और बिहार में महिला आरक्षण को लेकर कुछ कदम उठाए गए हैं जो महिलाओं को राजनीति में अधिक सक्रिय बनाने में मदद करेंगे। इसके अलावा,महिलाओं को राजनीति में अधिक सक्रिय बनाने के लिए और भी कदम उठाए जाने चाहिए। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए अधिक संसाधन प्रदान किए जाने चाहिए। इसके लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं जैसे महिला उत्थान योजना, महिला सशक्तिकरण योजना और अन्य।इसके साथ ही, महिला उत्पीड़न के मुद्दों को उठाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए।
महिलाओं के लिए सुरक्षित और उद्योगप्रति माहौल बनाने के लिए सामाजिक एवं कानूनी व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए।महिलाओं को सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल करने के लिए समाज के साथ-साथ सरकार को भी उनके लिए संबंधित नीतियों को बनाने की जरूरत है। उन्हें समान अवसर और संरचनात्मक समर्थन देने के लिए नीतियों के बनाए जाने का समय आ गया है। अंततः, महिला सशक्तिकरण एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सभी अंगों में महत्वपूर्ण है।
राजनीतिक दलों को इस मुद को गंभीरता से लेना चाहिए और महिलाओं के लिए संबंधित नीतियों को तुरंत लागू करना चाहिए। इसके अलावा, समाज को भी महिलाओं को सशक्त करने में अपना योगदान देना होगा। समाज को अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है। इस तरह से, महिलाओं को राजनीति में सशक्त बनाने के लिए एक समृद्ध और अधिकांशतः सहमत माहौल की जरूरत है। एक सशक्त और स्वतंत्र महिला न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी उपयोगी होती है।
अंत में, हम सभी को समझना चाहिए कि महिलाओं के सशक्तिकरण का अर्थ है समाज मे समानता दिलाने के लिए, समाज को उनके अधिकारों को समझने और समर्थन करने की जरूरत है। इसलिए, हमें सभी को मिलकर महिलाओं को सशक्त बनाने में योगदान देना चाहिए। यह हमारे समाज का आवश्यकता है और यह हमारी जिम्मेदारी है।