आइए आपको एक अनोखे genocide (नरसंहार) के बारे में बताते हैं जो दिल्ली में बहुसंख्यक हिन्दुओं की भीड़ द्वारा दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर, वहाँ के शांतिप्रिय, असहाय, अल्पसंख्यक समुदाय को खत्म करने की उद्देश्य से की गई थीl ऐसा हम नहीं वैसे समाचार पोर्टल कह रहे हैं जो पता नहीं किस अभिष्ट की पूर्ति के लिए विगत कई दशकों से प्रोपेगैंडा का निर्वाध प्रवाह कर रहे हैं l
इस pogrom में 36 मुस्लिम और 15 हिन्दू की दुःखद मौत हो जाती है और दोनों ही धर्मों के कई लोग घायल हुए और उनके सम्पति की नुकसान होती हैl हम इन समाचार वालों की प्रोपेगैंडा को सही मानते हैं कि हाँ यह सरकार, पुलिस और बहुसंख्यक हिंदुओं द्वारा यह सुनियोजित नरसंहारl
लेकिन ये दिल्ली पुलिस और वहाँ के हिन्दू लोग कितना मुर्ख हैं, इसका पता इसी से चलता है कि जब ये नरसंहार होती है तो आखिर ये लोग क्या सोचकर ताहिर हुसैन के छत पर वो पत्थर लॉन्चर इंस्टॉल कराये, आखिर ये हिन्दू लोग मुस्लिमों के घर में बंदूक, देशी बॉम्ब, acid क्यूँ रखेlआखिर ये मूर्खता नहीं तो क्या है कि 70% आबादी वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्र में ये नरसंहार की शुरुआत करने गये अगर 36 मुस्लिम ही मरना था तब उतना तो दूसरे इलाके में भी मिल जाताl दिल्ली में हिन्दू मुस्लिम आबादी की अनुपात 7:1 होने के बावजूद मरने वाले का धार्मिक अनुपात 1:2.5 ही रही वो भी दिल्ली पुलिस के साथ के बावजूदl
चलिए हम अपने पिछले आरोप कि दिल्ली पुलिस के लोग मुर्ख हैं को गलत मानते हैं, तब आखिर जब ये योजना हिन्दुओं की थी तो मुस्लिम लोग के घर में इतनी तैयारी क्या एक संयोग था, आखिर इतने हथियार ये लोग हमेशा घर में क्यूँ रखते हैं? अगर जब इतनी तैयारी भरी हमले को मुस्लिम को इतने आसानी से प्रत्युत्तर दियें इससे यही लगता है कि वह owaisi के 15 minutes वाला बयान वाकई सही है, ये लोग ऐसा करने में सक्षम हैंl
लेकिन अगर उपरोक्त अनुमान गलत हैं तो आखिर ये लम्पट गैंग इसे नरसंहार साबित क्यूँ करना चाहते हैं? आखिर वामपंथी गिरोह की नीयत क्या इन है? ये लोग का मकसद बिल्कुल साफ रहता है कहीं मौका मिले देश की अन्तराष्ट्रीय स्तर पर छवी खराब करना ताकि विदेशी भारत विरोधी आका इनका रोजी रोटी चलाते रहेl ये गिद्ध लोग हमेशा इसी ताक में बैठे रहते हैं कि कब कोई मौका मिले और अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिमों के साथ भारत में हो रहे अत्याचार की कहानी गढ़ सकेंl