कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक बार फिर अपनी दरिंदगी दिखाते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को निर्ममता से पीट पीट कर मार डाला है. खबर यह है क़ि जब यह पाकिस्तानी दरिंदे पकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, तो पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी उनकी वीडियो बना रहा था. बस इसी बात से बौखलाकर इन आतंकवादियों ने अपने वहशीपन की सभी सीमायें लांघते हुए इस पुलिस अधिकारी को पीट पीट कर मार डाला. कश्मीर के लिए यह कोई नयी घटना नहीं है- यहां अक्सर सुरक्षा बल के सैनिक और पुलिस अधिकारी पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों के हाथों लगभग हर रोज ही मौत के घाट उतार दिए जाते हैं और जम्मू-कश्मीर की सत्ता लोलुप निकम्मी सरकार वहशी दरिंदों के हाथों पुलिस और सेना के जवानो की इस हत्या पर चुप्पी लगाए बैठी रहती है.
प्रदेश सरकार और केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों के प्रति जो कायरता पूर्ण रवैया अख्तियार किया हुआ है, उसके चलते नेताओं को छोड़कर कश्मीर में कोई भी देशभक्त व्यक्ति सुरक्षित नहीं है. नेता भी इसलिए जिन्दा घूम रहे हैं क्योंकि उन्हें जनता के खर्चे पर सरकारी सुरक्षा मिली हुयी है. अगर इन नेताओं से यह सुरक्षा वापस ले ली जाए तो इन कश्मीरी आतंकवादियों का पहला शिकार यह लोग खुद होंगे.
२०१४ में मोदी जी ने केंद्र सरकार में जैसे ही सत्ता संभाली थी, प्रकृति के अपने इन्साफ को आगे बढ़ाते हुए कश्मीर घाटी को एक भयंकर जलजले के हवाले कर दिया था, जिसमे सभी पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौत लगभग तय मानी जा रही थी. लेकिन मोदी सरकार ने नेशनल डिसास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीमें कश्मीर भेजकर इन सभी पाकिस्तानी आतंकवादियों को बचा लिया. मोदी जी को यह लगा था क़ि जहरीले साँपों को मीठा दूध पिलाने से साँपों के जहर कम हो जाएगा और वे काटना बंद कर देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और जिन पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों को NDRF, सेना और पुलिस बलों की टीमों ने अपनी जान पर खेलकर बचाया था, यह अहसानफरामोश दरिंदे अपने बचाने वालों को ही पीट पीट कर मार रहे हैं. प्रदेश और केंद्र की सरकार अपनी पूरी बेशर्मी के साथ यह तमाशा देख रही है और हाथ पर हाथ धरे बैठी हुयी है.
मोदी सरकार इन पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी आतंकवादियों के नरसंहार के लिए सुरक्षा बालों को खुली छूट न देकर कब तक सैनिको और पुलिस वालों की हत्याओं का शर्मनाक तमाशा देखती रहेगी, देश की जनता यह सवाल पिछले तीन सालों से कर रही है, जिसका जबाब मोदी सरकार को अगले दो सालों में देना है. सरकार की इस घुटना टेको नीति और कायरता से इस देश की जनता अब ऊब चुकी है. कश्मीरी आतंकवादियों का तुरंत नरसंहार शुरू नहीं हुआ तो केंद्र में बैठी मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू करने में भी जनता देर नहीं लगाएगी.