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dr neelam mahendra
असाधारण चुनाव के असाधारण नतीजे
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के फ़ैसले को कट्टर हिंदूवादी फैसला मानना योगी को नहीं मोदी को नहीं समझना है।
यह कैसी पढ़ाई है और ये कौन से छात्र हैं?
छात्र तो मोहरा भर हैं असली राजनीति तो वे समझ ही नहीं पा रहे। शायद इसीलिए 27 फरवरी को रामजस कालेज के प्रिंसिपल राजेन्द्र प्रसाद छात्रों के बीच खुद पर्चे बाँट रहे थे जिसमें उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि देशभक्ति की हवा तले शिक्षा को खत्म न होने दें।
पुलिस की छवि बदलता एक अफसर
जैसे पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होती वैसे ही सभी पुलिस वाले भी एक जैसे नहीं होते इस बात को सिद्ध करते हैं ग्वालियर इंदरगंज थाने के टीआई अमर सिंह जी।
घी गेहूँ नहीं रोज़गार चाहिए साहब
जब तक इन राजनैतिक दलों की जवाबदेही अपने खुद के मेनीफेस्टो के प्रति तय नहीं की जाएगी हमारे नेता भारतीय राजनीति को किस स्तर तक ले जाएंगे इसकी कल्पना की जा सकती है।
उस गुनाह की माफ़ी जो किया ही नहीं
वो लड़की जिसने 10 वीं की परीक्षा में 92% मार्क्स प्राप्त किए हो उसके द्वारा इस प्रकार माफी माँगना उसके लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए शर्मनाक है।
मोदी और खादी – सबको सम्मति दे भगवान
जो लोग आज कैलेंडर की तस्वीर पर बवाल मचा रहे हैं उन्हें कुछ बातें समझनी होंगी