धर्मनिरपेक्षता भारत का कोढ़ है तथा यह देश के उत्थान में एक कंटक है। इसे सनातन राष्ट्र घोषित करना आवश्यक है तथा इसमें विलम्व अत्यंत घातक हो सकता है। सत्य तो यह है कि यह एक नीति राष्ट्र के अनेकों समस्याओं का निराकरण स्वतः ही कर देगी।
बेंगलुरु के हिन्दू विरोधी दंगों ने एक बार फिर तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के ध्वज वाहकों को नग्न कर दिया है। भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ हिन्दू घृणा हो चुका है।