साँस का खेल
मायूसी की मृगतृष्णा पर इतनी हताशा ठीक नहीं। छीन लो तुम अपनी ही साँसे ये तो इस जीवन की रीत नहीं।।
मायूसी की मृगतृष्णा पर इतनी हताशा ठीक नहीं। छीन लो तुम अपनी ही साँसे ये तो इस जीवन की रीत नहीं।।
देेश एवं राज्य का नाम रोशन करने वाली वेस्ट बोकारो की खिलाड़ी गीता को कहां पता था की दर्जनों मेडल और आधा दर्जन पदक…
बुद्ध एक समाज सुधारक की तरह थे, इसलिए उन्होंने अपने सबसे बड़े सिद्धांत को आर्य सत्य कहा है. वो भारत को पुन: उसकी आत्मा…
पीटने और प्रताड़ित करने वाले राजनेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती, उनके जलवे ऐसे होते हैं कि राजनीतिक नेतृत्व भी उन्हें छेड़ने का खतरा…
हाल के ही दिनों में दो प्रमुख घटनाएँ सामने आयीं है जिसे देख के लगता है की भारत में जातिवादी भावना भरी गई है…
2014 के बाद देश कई तथाकथित राष्ट्र्वादी पत्रकार मैदान में उतरे हो जिसे उस बहुसंख्यक समाज ने ये मौका दिया जो तथाकथित महा उदारवादी…
सिर्फ डिग्री लेने से ही योग्यता नहीं आती. ये कड़वी सच्चाई है कि भारत में ज़्यादातर पढ़े-लिखे युवा नौकरी करने के काबिल ही नहीं…
केजरीवाल के पिछले कुछ सालों की राजनीति और फैसलों को देखें तो स्पष्ट होता है कि केजरीवाल ने खुद को दिल्ली तक सीमित रखने…
अब्दुल मियाँ की दुकान बढ़िया दूर से ही पहचान में आ जाती है। दसियों हरे झंडे दिखाई देते हैं। यही तो पहचान है जिसे…
पालघर में साधुओं पर हुए हमले ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, पर क्या यह पहली बार हुआ है जब हिन्दू साधुओं को निशाना…