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अगर आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो आतंकवादी का शब इस्लामिक रिवाज़ से दफ़नाने के लिए उसके परिवार को सौंपने की ज़रूरत क्यों

समय आ गया हैं, सरकार कानून बनाए की आतंकियों के शव को अब कचरे के ढेर के साथ जला दिया जाएगा। फिर देखते हैं…

कोरोना संकट के बीच भारत का गुटनिरपेक्ष देशों को संबोधन: वैश्विक एकजुटता एवं वैश्विक प्रतिक्रिया पर बल

कोविड-19 महामारी से निपटने में देशों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए इस वर्चुअल सम्मलेन में प्रधानमंत्री ने कहा की “मानव आज कई…

स्वयंसेवक्त्व: इस तत्व के जागरण से जीवन जीने का एक अलग आयाम मिलता है

कोरोना महामारी के चलते जब हमारा राष्ट्र कई समस्याओं से लड़ रहा है तब संघ के कार्यकर्ताओं में विलीन स्वयंसेवक्त्व उन्हें सरकारी नियमों में…

तालिबान आज भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती!

भारत को अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के और रूस के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कूटनीति के द्वारा तालिबान-पाकिस्तान और चीन के…

इंटरनेट: अपराध का उत्प्रेरक

right to choice, progressive attitude, learning, education आदि का नाम देकर अपने प्रपंच को बखूबी भी चलाती हैं और आप इन ताकतों के आगे…

विचारधारा की स्पष्टता

आज सम्पूर्ण भारतवर्ष को स्पष्ट विचारधारा की आवश्यकता है। जहां हर व्यक्ति को अपने राष्ट्र के हित में ही अपना हित देखना होगा। राष्ट्र…

” स्नेकोफ़ोबिया”

भारतीयों को अहिंसा के नाम पर कायरता सिखाई गई। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अधर्मी बनाया गया। सहनशीलता के नाम पर गुलामी शिक्षित हुई।

Cinema-Filmmaking-Art-भारी शब्दों का प्रयोग करके अपनी धूर्तता छिपाती हल्की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री

वर्षों की गुलामी के कारण हमारी मनोस्थिति ही ऐसी हो गयी है कि मनोरंजन की डिश में भी जब तक पश्चिमी तड़का न लगे…

हिंदी की व्यथा..

हिंदी का खो गया अभिमान, भारत में अंग्रेजी है अब, पढ़े-लिखों की पहचान l बोलकर अंग्रेजी, होता है बड़ा गुमान, हिंदुस्तान में हिंदी, खो…

एक राष्ट्र एक शिक्षा: नई शिक्षा नीति नहीं अपितु नई शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता

शिक्षा से ही मनुष्य का निर्माण होता है और मनुष्य सभ्यता का केंद्र बिंदु है। शिक्षा ऐसी हो जो अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र…