Should we call RSS Swayamsevaks as religious fanatics if they are following the principles of Sanatana Dharma and serving society without any prejudice, rich or poor, black or white, no religious and caste discrimination?
यह जश्न मनाने का समय हैं ना कि विरोध करने का समय है, क्योंकि शोषण करनेवाले कभी भी इन सुधारो का साथ नही देंगे, हमे मजबूती से सरकार और किसानों के साथ रहना हैं और साथ ही साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से हमारे प्यारे किसानों के सशक्त और संवर्धित मूल्य में और वृद्धि करनी है।
मनुष्य जीवन सभी जीवित प्राणियों मे सौभाग्यशाली है क्योकीं प्रकृति ने हमें विशाल मन, विशाल बुद्धि, स्मृति नामक असीमित भंडारण दिया है जिसे हम उद्देश्य जानने के बाद भी अनदेखा कर देते हैं और इसे गंभीरता से नही लेते हैं।
हम भारतीय सामान्य रूप में, आमतौर पर हमारे प्राचीन ज्ञान को अधिक महत्व नहीं देते हैं, जो पश्चिमी देशों और कई अन्य देशों में गहराई से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और इस महान ज्ञान को ग्रहण करने के लिए प्रयास करते हैं, जो हमें हमारे प्राचीन ऋषियों ने आसानी से विरासत में दिया है।
एक राष्ट्र के रूप में हम समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। भले ही हम अभी भी एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था हैं, हम एक असफल राष्ट्र नहीं हैं। अतीत में, हमारे देश ने हजारों वर्षों तक सफलता के शिखर को प्राप्त किया था। इस तरह की विरासत का दावा कितने देश कर सकते हैं?