Sunday, November 3, 2024
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संजीव सिंह

आत्महत्या: पाप या वीरगति

आकस्मिक मृत्यु का दुःख मुझे भी है। लेकिन sensible दिखने के आडंबर में "आत्महत्या" जैसे अपराध का महिमामंडन नहीं सकता।

प्रजातंत्र और अराजकता

प्रजातांत्रिक व्यवस्था के दो मुख्य स्तम्भ हैं, कर्तव्य एवं अधिकार और यह व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहे ,इसके लिए इन दोनों स्तम्भों के बीच संतुलन होना बेहद आवश्यक है।

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