एक बार फिर भारत में छुपे भारत के विरोधी देशद्रोहियों ने अल्पज्ञानी पर धूर्तता और मक्कारी में परांगत अंग्रेजो से मिलकर हमारे एक विश्वशनीय और ईमानदार उद्योगपति को निशाना बनाया, जिसने इन गोरो और वामपन्थियों को उन्हीं कि भाषा में उत्तर देना शुरू कर दिया था।
इसके प्रथम भाग में हमने देखा की अडानी एक उद्भव कैसे हुआ और उनके विरुद्ध षड़यंत्र की शुरुआत कैसे हुई, आगे हम देखते हैं की ये हिंडेनबर्ग कैसे अडानी समूह से प्रेम करने लगा।