आज सम्पूर्ण भारतवर्ष को स्पष्ट विचारधारा की आवश्यकता है। जहां हर व्यक्ति को अपने राष्ट्र के हित में ही अपना हित देखना होगा। राष्ट्र के नाम पे ही व्यक्ति को अपने अस्तित्व का निर्माण करना होगा।
असहिष्णुता देश में नहीं बढ़ी है बल्कि यह जवाब न देने का और सवाल करने वालों से बचने के लिए एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किये जाने वाला एक हथियार है और कुछ नहीं।