अमेरिका के न्यूयॉर्क में करीब 50 प्रतिशत मामले कम हुए हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना के मामले कम होने के पीछे मुख्य कारण है कि ओमिक्रॉन का प्रभाव अब कम होता जा रहा है। यही वजह है कि इससे संक्रमित होने वाले लोग भी कम होते जा रहे हैं।
कोविड-19 के मामले भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से कम हो रहे हैं। अमेरिका में भी कुछ ऐसा ही हाल है जब कोरोना के मामले में तेजी से गिरावट आई है। जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, शनिवार को अमेरिका में करीब 1 लाख कोरोना के नए मामले सामने आए जबकि पांच हफ्ते कोरोना के रेज़ाना 8 लाख 850 नए मामलों की पुष्टि हुई थी।
अमेरिका के न्यूयॉर्क में करीब 50 प्रतिशत मामले कम हुए हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना के मामले कम होने के पीछे मुख्य कारण है कि ओमिक्रॉन का प्रभाव अब कम होता जा रहा है। यही वजह है कि इससे संक्रमित होने वाले लोग भी कम होते जा रहे हैं। पहले अमेरिका में एक हफ्ते में करीब 1 लाख 46 हजार 534 मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे थे। जबकि 13 फरवरी को सिर्फ 80 हजार 185 मरीज ही हफ्तेभर में भर्ती हुए हैं।
वैक्सीनेशन पर जताई चिंता-
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में अस्पातल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आएगी। कुछ समय बाद देश पैंडेमिक से एंडेमिक की तरफ आगे बढ़ने लगेगी। जबकि कुछ विशेषज्ञों ने वैक्सीनेशन को लेकर चिंता भी जाहिर की है। उनका मानना है कि अमेरिका में अभी भी उम्मीद से बहुत कम वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
एक अन्य हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है, ‘ओमिक्रॉन वायरस के दो पहलू हैं। पहला ये है कि ये बहुत तेजी से फैलता है और लोगों को हल्का बीमार करता है। दूसरा पहलू है कि ये अच्छी बात भी है कि ये बहुत तेजी से फैलता है और उन्हें हल्का बीमार करता है। इससे मरीजों की मौतें कम होती हैं। इससे लोगों में नैचुरल इम्युनिटी भी बहुत तेजी से बनती है।