हम कागज लेके आयेंगें, उनको जरूर दिखायेंगे।
तुम हमको फासिस्ट बोलोगे, हम तब भी मुस्कुरायेंगे।
तुम हिंदु की कब्र खोदोगे, हम तुमको गले लगायेंगे।
हम कागज लेके आयेंगें, उनको जरूर दिखायेंगें।।
तुम पत्थर हमको मारोगे, हम उनका मंदिर बनायेंगे।
तुम “तेरा मेरा रिश्ता क्या, ला इलाह इल अल्लाह” चिलाओगे, हम तुमको अपनी सहिष्णुता दिखलायेंगें।
तुम इस्लामिक राष्ट्र बनाओगे, हम सनातन देश बचायेंगें।
हम कागज लेके आयेंगें, उनको जरूर दिखायेंगें।।
तुम अपनो का घर उजाड़ोगे, हम प्रताड़ित को घर दिलवायेंगे।
तुम “सब बुत उठवाये जायेंगे” बोलोगे, हम उनकी प्रतिमा बनवायेंगे।
तुम “बस नाम रहेगा अल्लाह का” चिलाओगे, हम हैवानियत को दूर भगायेंगें।
हम कागज लेके आयेंगें, उनको जरूर दिखायेंगें।।
तुम पेट्रोल बम फेकोगे, हम गौतम बुद्ध बन जायेंगे।
तुम मस्जिदो से नफरत फैलाओगे, हम तभी उनको ना तुड़वायेंगें।
तुम शुक्रवार को मारोगे, हम पूर्ण सप्ताह बचायेंगें।
हम कागज लेके आयेंगें, उनको जरूर दिखायेंगें।।