Friday, October 4, 2024
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वरिष्ठों से सम्बन्धित

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वरिष्ठों से सम्बन्धित समस्याओं का निदान आवश्यक है। इसलिये यहाँ उल्लेखित तथ्यों पर ध्यान से गौर करें।

वरिष्ठ नागरिकों से सम्बन्धित [अनेक मुद्दों में से] तीन मुख्य मुद्दों को पूरे तथ्यों के साथ सरकार के विचारर्णाथ पेश कर रहा हूँ ताकि सरकार आने वाले बजट से पूर्व चर्चा में, इन पर कैसे राहत प्रदान की जा सकती है, उन बिन्दुओं पर विचार कर आवश्यक कदम उठा सके।

यहाँ यह समझना आवश्यक है कि इन तीनों से सभी वरिष्ठ ब्यथित / परेशान हैं फिर भी किन्हीं कारणों से यदि कुछ एक मामले में पूर्व कर्मचारी (ex-employee) होने के चलते एक मुद्दे में राहत है तो बाकी दो मुद्दे तो उनके लिये भी पीड़ादायी हैंं ही।

आपके ध्याननार्थ अपने देश में वरिष्ठों की बडी संख्या तो असंगठित क्षेत्र से हैं जहाँ उन्हें पेंशन का लाभ नहीं हैं इसलिये ही उन्हें तो तीनों मुद्दे बहुत ज्यादा पीड़ादायक लगते हैं।

मैं यहाँ जिन मुद्दों के विषय पर सरकार से आग्रह कर रहा हूँ उस पर सरकार को राजस्व नुकसान न के बराबर होगा ऐसा मेरा विश्वास है, जबकि कैपिटल गेन्स यानि LTCG वाले मामले में मेरे सुझाव अनुसार तो राजस्व में बढ़ोत्तरी निश्चित ही होगी

मैं यह अपेक्षा रखता हूँ कि हम सभी वरिष्ठों को ये तथ्य सरकार तक पहूँचाने में अपनी तरफ से पूरा पूरा प्रयास करना है और अपने social media के अलावा अपने क्षेत्र के सांसद को भी ज्ञापन दें तो अच्छा रहेगा। वरिष्ठ नागरिक संगठनों के मार्फत भी पहल करें क्योंकि सामूहिक प्रयास ही राहत दिलायेगा।

1) बैंकों से लेनदेन सम्बन्धित:

सरकार की सलाह है कि नगद लेन देन नहीं कर बैंको के माध्यम से लेनदेन करें लेकिन सरकार बैंको से लेनदेन को सुगम बनाने की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही यानि RBI इस ओर काफी उदासीन है।

अनेकों बैंकों में जब तक आप SMS की सुविधा नहीं लेते हैं तब तक आपको OTP वाला SMS मिलेगा ही नहीं और SMS प्राप्त हेतु बैंक आपका बचत खाता में सालाना कहिये या हर माह एक चार्जेज वसूलता है।जबकि इस तरह के SMS को mandatory श्रेणी में रखा जाना चाहिये ताकि बचत खाता धारक को बिना चार्जेज के OTP का SMS मिले।

दूसरी बात है कि यदि हम Net Banking को काम में लेते हैं तो भी बैंक हमसे शुल्क वसूलती है जबकि वही काम यदि हम बिना Net Banking के करें तो एक अच्छी रकम बचती है।

उदाहरण के तौर पर यदि मैं अपने नाती की स्कूल फीस Net Banking के माध्यम से चूकाता हूँ तो बैंक अपना शुल्क मेरे बचत खाते से स्वयं ही ले लेगा।

उसी तरह Net Banking के माध्यम से अपना पैसा अपने दुसरी बैंक के बचत खाते में डाालने पर भी चार्जेेज बचत खाते से स्वतः ही कट जाता है।

उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि Net Banking में दो तरह के चार्जेज लगते है जिसके कारण ही Net Banking मँहगा है जबकि नगद लेनदेन में न तो अतिरिक्त खर्चा और न ही झंझट I यहाँ झंझट से मतलब है ठीक तरह से सावधानी रख सामने वाले का पूरा ब्यौरा भरना ताकि गलत जगह पैमेंट न हो।

यही यदि सरकार इसे एकदम खर्च मुक्त कर दे यानि OTP को Mandatory बना दे और बचत खाते वालों के लिये Net Banking बिना शुल्क के कर दे तो हम वरिष्ठ नागरिक नगद लेनदेन को मुक्ति करने में देर नहीं करेंगे क्योंकि बिना पेंशन वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये तो हर तरह का अतिरिक्त खर्च कष्टदायक होता ही है।

हमारे तथ्यों की पुष्टि इस बार 18 अक्टूबर को लोकसभा चैनल के लोकमंच कार्यक्रम में निमन्त्रित कोई आर्थिक पत्रकार की टिप्पणी से स्वत: ही हो गयी जब उन्होंने बताया कि Digital Payment ने अभी भी ठीक तरह से यानि आशा अनुरूप गति पकडी नहीं है। इसलिये यह आवश्यक है कि बिना विलम्ब किये सरकार को उपरोक्त सुधार को लागू करे।

2) रेल सुविधा सम्बन्धित:

आज कल सरकार ने AC में यात्रा करने वालों को Telescopic fare वाला टिकट जारी करना बन्द कर दिया है जिसके कारण सबसे ज़्यादा मुसीबत वरिष्ठ नागरिकों को उठानी पड रही है। चूंकि उम्र के इस पडाव में स्लीपर में यात्रा करना बिल्कुल भी सुविधाजनक नहीं यानि अनेक तकलीफों से भरा है इसलिये ही सभी वरिष्ठ नागरिक AC में ही यात्रा करते हैं भले ही सरकार ने Telescopic fare वाला टिकट देना बन्द किया हुआ है।

जो वरिष्ठ नागरिकोंं को पेंशन सुविधा नहीं उन पर यह एक अतिरिक्त भार पड रहा है जिसके चलते उनको या तो अपनी यात्रा समय में कटौती करनी पडती है या अतिरिक्त खर्चे को वहन हेतू कछ अन्य सुविधाओं में कटौती – कुल मिलाकर मन मसोसना पड़ता ही है भले किसी रुप में हो।

दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कि उम्र के इस पडाव में तीर्थ यात्रा का विचार करें या विभिन्न जगहों पर रहने वाले मित्र हों या रिश्तेदार से मिलने का विचार तो टिकट की समस्या Telescopic fare वाले में नहीं होती है जबकि बिना Telescopic fare में हो ही जाती है।

यदि जैसा पहले मिलता वैसा उपलब्ध हो तो हम जैसे वरिष्ठों को निम्न लाभ वापस मिलने लगेंगे – –

1) टूर टिकट जारी करवा कर कम खर्चे में यात्रा सम्भव थी जबकि अभी सम्भावना ही नहीं है।

2) हर बीच में ठहरने वास्ते स्टेशन में समय सीमा से बंधे होने के कारण समयबन्ध कार्यक्रम में यात्रा अनेकों उद्धेश्य को पूरा कर सकना आसान था चाहे रिश्तेदार हो या मित्र ज्यादा ठहरने का आग्रह करते ही नहीं थे।

3) यदि सीधी रेल सेवा नहीं है तो खर्चा भी ज्यादा, परेशानी भी अधिक और रिश्तेदार हो या मित्र उनकी नाराजगी भी सहनी पड़ रही है।

4) यदि प्रारम्भ स्टेशन से गन्तब्य स्टेशन तक का टिकट न जारी हो सकने की अवस्था में वरिष्ठों को जो कष्ट होता है उसकी तरफ नियम लागू करने वालों ने क्यों ध्यान नहीं दिया यह भी वास्तव में आश्चर्य का विषय है।

आखिर में यही लिखना है कि सरकार यदि वरिष्ठों को किराये में जो भी छूट देती है उसमें कमी भी करना चाहे तो मन्जूर है परन्तु वरिष्ठों को कम से कम AC में Telescopic fare वाला लाभ तो वापस लागू कर दे ताकि जो कष्ट है उससे राहत तो मिले।

3) कैपिटल गेन्स से सम्बन्धित : –

जैसा आप जानते हैं इस बार यानि 2018-19 वाले बजट में LTCG पर टैक्स जो लागू किया है वह हमारे जैसे Senior Aged Stock Investors के लिये किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।

आपकी जानकारी के लिये हम लोगों ने हमेशा अपनी बचत को तीन कारणों से शेयरों में लगाया। वे कारण हैं –

१) आप सभी सरकारें कहिये या बाकी सभी ( Experts ) यही सन्देश देते रहे हैं कि Share निवेश का मतलब है अप्रत्यक्ष रुप से राष्ट्र निर्माण में सहयोग इसलिये गोल्ड या भूमि में निवेश का सोचा ही नहीं।

२) चूकिं हममें से जो भी गैरसरकारी संस्थानों में नौकरी कर बचत करते थे तो उद्देश्य यही रहता कि हमें पेन्शन तो मिलनी नहीं है अतः हमारे बुढापे के लिये शेयर निवेश सब हिसाब से लाभप्रद रहेगा साथ में पहला point (उपर उल्लेखित) भी fulfill होता रहेगा और आने वाले समय में हमें हमारी आवश्यकता की पूर्ति इस शेयर निवेश से होती रहेगी इसका विश्वास भी था।

३) सोच समझकर शेयरों मेंं किया गया निवेश जोखिम मुक्त माना जाता रहा है साथ ही साथ आसानी से कर सकने वाला भी। इसके अलावा सभी पूर्ववर्ती सरकारों नें शेयर निवेश को बढावा देने के लिये लगातार न केवल प्रोत्साहित करते रहे थे बल्कि इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि इसमें गिरावट न हो और इसलिये ही अपने अपने तरीके से (Cost Inflation Index लागू करना) हमेशा सकारात्मक कदम को बढ़ावा देते रहे।

आज ५० / ६० साल तक निवेशित रहने के बाद यानि समय समय पर अपनी अपनी कमाई अनुसार टैक्स चुकाने के बाद जो भी बचत शेयरों में लगायी, यह जानते हुये कि इन में से कुछ में बहुत हानि भी हो सकती है और जो समय समय पर परिलक्षित भी हुयी। अब बडी मुश्किल से बाकी बचे शेयरों पर जो भी लाभ मिलने की उम्मीद है वह लाभ वापस टैक्स दायरे में आया तो मन में चोट लगी है, ग्लानि भी हुयी है और साथ साथ कष्ट भी पहुँचा है।

इसलिये लिखना यही है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे। सरकार चाहे तो Free LTCG के लिये Holding period एक साल से बढ़ा कर दो साल कर दे, न हो तो तीन साल कर दे। सरकार पाँच साल भी करती है तो वो इतना कष्टदायी नहीं होगा क्योंकि हमारी सोच कभी भी न तो सट्टाबाजी की रही है, न ही मुनाफाखोरी वगैरह की बल्कि बहुत गहन अध्ययन व आपसी सलाह, चिन्तन मनन पश्चात निवेश करते आये हैं।

वित्तमन्त्री का उपरोक्त विषय पर मत/साक्षात्कार सभी चैनलों पर प्रसारित हुआ था और उसी विषय पर रजत शर्मा जी ने India TV पर भी बजट पश्चात उनका साक्षात्कार प्रसारित किया था। सभी चैनलों पर प्रसारित तो सुना ही, साथ साथ उसे भी सुना, समझा और उन सभी पर गहन चिन्तन मनन भी किया। हम उनकी यानि वित्तमन्त्री की सोच का पूरा समर्थन करते हैं इसलिये ही आग्रह है कि वे Senior Aged Stock Investors’ की चिन्ताओं का ध्यान रखते हुये इस पर इस बार बजट पूर्व चर्चा में इस वर्ग द्वारा सुझाये गये सुझावों पर अवश्य ध्यान देकर राहत प्रदान करें।

आपके ध्याननार्थ बता दें कि सुझाया गया सुझाव है – Free LTCG का Holding period संशोधित कर दें या Senior Aged Stock Investors को इस प्रस्ताव से बाहर कर दें।

नोट : यदि सरकार हमारे आग्रह अनुसार Holding period संशोधित करती है तो LTCG 1095 दिन से ज्यादा निवेशित शेयरों पर ही मिलेगा यानी 1095 दिन तक वाले निवेशित शेयर STCG श्रेणी में आ जायेंगे फलतः चालू system में domestic क्षेत्र से LTCG में जो भी राजस्व Senior Aged Stock investors से मिलेगा उससे ज्यादा या तो संशोधित करने पर STCG से ही मिल जायेगा या वह इतना नगण्य होगा जिसे सुधार कर देने से विशेष नुकसान तो होगा ही नहीं बल्कि Senior Aged Stock Investors वर्ग की सहनुभूति मिलेगी और आर्थिक सुधार वाली ब्यवस्था भी यथावत रह पायेगी।

आप अपने अनुभव के आधार पर और भी जोड़ें तो अवश्य जोड़ें लेकिन मुझे भी उसकी जानकारी दे देंगे तो अच्छा रहेगा।

आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि सरकार आवश्यक सुधारात्मक कदम उठा हम वरिष्ठ नागरिकों को उपरोक्त सभी विषयों में राहत दे देगी।

गोवर्धन दास बिन्नाणी
बीकानेर
7976870397 / 9829129011
[email protected]

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