Tuesday, April 16, 2024

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28 मई

वीर सावरकर जयंती विशेष: हिंदुत्व के पुरोधा थे

वीर सावरकर एक व्यक्ति नहीं, एक विचारधारा थे। चाहे जेल में हों, चाहे नजरबंदी में हों, चाहे खुले मैदान में, प्रखर राष्ट्रवाद की लौ उनमें सदैव जलती रही। इस जिंदा शहीद ने कभी भी अपने सिद्धांतों और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया।

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