थूक मत जाहिल, अरे तू थूक मत जाहिल।
महामारी से बचने को, सरकार की सख्ती वाजिब थी, पांच बार नमाज़ और सुन्नत की, अजीब तुम्हारी एक ज़िद थी। तुम सोचते हो हम…