Saturday, April 20, 2024
45 Articles by

डॉ नीलम महेंद्र

Writer. Taking a small step to bring positiveness in moral and social values.

जनमानस में जानकारी का आभाव बना विपक्ष का हथियार

लोकतंत्र की दुहाई देने वाला विपक्ष जब लोकतंत्र के नाम पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाती अराजक होती भीड़ के समर्थन में उतरता है तो वो लोकतंत्र की किस परिभाषा को मानता है इसका उत्तर भी अपेक्षित है।

केवल जन आन्दोलन से प्लास्टिक मुक्ति अधूरी कोशिश होगी

किसे पता था कि आधुनिक विज्ञान के एक वरदान के रूप में हमारे जीवन का हिस्सा बन जाने वाला यह प्लास्टिक एक दिन मानव जीवन ही नहीं सम्पूर्ण पर्यावरण के लिए भी बहुत बड़ा अभिशाप बन जाएगा।

जनता की अदालत में फैसला अभी बाकी है

भले ही चुनाव आयोग अपनी सीमित शक्तियों की दुहाई देकर निष्पक्ष और आदर्श चुनाव कराने में अपनी बेबसी जाता रहा हो लेकिन अपनी मौजूदा शक्तियों के दायरे में भी वो राजनेताओं को अपना आचरण बदलने के लिए मजबूर कर सकता है।

नए भारत का आगाज़

श के प्रधानमंत्री ने कहा है कि जवानों के खून की एक एक बूंद और हर आंख से गिरने वाले एक एक आँसू का ऐसा बदला लिया जायेगा कि विश्व इस न्यू इंडिया को महसूस करेगा।

बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं

लोगों का आकर्षण "मोदी" से अधिक उनकी दबंग हिंदूवादी छवि के प्रति था। उन्हें शेख हसीना से सीखना चाहिए कि सबको साथ लेकर चलने के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है छवि बदलने की नहीं।

दिन ब दिन टूटते रिश्ते

जिस रिश्ते की नींव बाहरी और भौतिक आकर्षणों पर रखी जाती है वो एक हल्के से हवा के झोंके से ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है।

राष्ट्रवाद एक विवाद – पुस्तक समीक्षा

डॉ नीलम महेंद्र कृत “राष्ट्रवाद एक विवाद” में राष्ट्रवाद की सीमाओं का विश्लेषण

क्या गूगल पर लगाम लगा पाएंगे ट्रम्प?

हर देश की सरकार को यह बात ध्यान में रहनी चाहिए की सोशल माध्यमों पर अगर एक बार संदेश प्रसारित हो गया तो उसका नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं रह जाता

कर्नाटक का जनमत किसके पक्ष में है?

क्या जनता ने कांग्रेस को सत्ता पर काबिज होने के लिए वोट दिया है?

नक्सलवाद को हराती सरकारी नीतियाँ

उम्मीद की जा सकती है कि अब वो दिन दूर नहीं जब 2022 तक नक्सलवाद भारत से पूर्ण रूप से साफ हो जाएगा।

Latest News

Recently Popular