डॉ नीलम महेंद्र

जनता तो भगवान बनाती है साहब लेकिन शैतान आप

क्या यह हमारी न्याय व्यवस्था का मजाक नहीं है कि देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के पन्द्रह साल बाद तक एक आदमी…

खुशियों का फैसला

समाज वो ही आगे जाता है जो समय के अनुसार अपने अन्दर की बुराइयों को खत्म करके खुद में बदलाव लाता है।

क्यों हम बेटियों को बचाएँ

एक बेटी का दर्द

आजादी आपनी सोच में लायें

जिस दिन हम भारत को उसकी खोई हुई अखंडता लौटा देंगे उस दिन हमारी ओर से हमारे वीरों को सच्चे श्रद्धांजलि अर्पित होगी।

कश्मीर में शान्ति बहाली ही शहीदों को सच्ची श्रधांजलि होगी

जिस दिन कश्मीर की वादियाँ फिर से केसर की खेती से लहलहाते हुए खेतों से खिलखिलाएँगी, उस दिन कारगिल शहीदों को हमारे देश की…

आहार से उपजे विचार ही शिशु के व्यक्तित्व को बनाते हैं

क्या मनुष्य केवल देह है या फिर उस देह में छिपा व्यक्तित्व? यह व्यक्तित्व क्या है और कैसे बनता है?

क्यों न फिर से निर्भर हो जाए

क्या हमने कभी रुक कर सोचा या फिर पलट कर स्वयं से यह सवाल किया कि क्यों हम अपने बच्चों पर निर्भर नहीं होना…

विरोध का गिरता स्तर: गोवध

गाय के नाम पर राजनीति करने वाले शायद यह भूल रहे हैं कि गाय को माता मान कर पूजना इस देश की सभ्यता और…

नवसंवत्सर एक नये सफर की शुरूआत

नव संवत्सर नववर्ष नवरात्रि नवभोर, समय है अपनी जड़ों को पोषित करने का समय है आगे बढ़ने का।

असाधारण चुनाव के असाधारण नतीजे

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के फ़ैसले को कट्टर हिंदूवादी फैसला मानना योगी को नहीं मोदी को नहीं समझना है।