सेक्टर १७, नॉएडा का एक प्रमुख चौराहा है। अट्टा पीर- यंहा पीर बाबा की मजार है। कुछ सालो पहले तक एक साधारण सा कमरा था जिसमे मजार थी। काफी लम्बे समय बाद उस तरफ जाना हुआ तो एक अटपटा सा बदलाव दिखा जो मेरी समझ से बाहर था। इसलिए opindia के माधयम से यह सवाल उत्तरप्रदेश और देश की सभी बुद्दिजीवियो के संज्ञान में लाना चाहता हूँ और इसका जवाब खोजना चाहता हूँ। क्योंकि हिंन्दू संस्कृति की रक्षा के मुद्दे इंटरनेट पर सिर्फ Opindia में ही रखे जा सकते है।
मैंने इस सवाल को क्वोरा (Quora) पर डाला लोगों से समझने के लिए, लेकिन Quora ने बिना पूछे, समझे मेरा अकाउंट डिलीट कर दिया। मैंने change.org पर इसके बाबत मुख्यमंन्त्री उत्तर प्रदेश और सीईओ, नॉएडा इस मामले के बाबत कार्यवाही करने के लिए पिटीशन डाली मेरे पिटीशन को change.org ने रिजेक्ट कर दिया!
क्या भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में सिर्फ हिन्दुओ को अपने धार्मिक स्वरूप और संस्कृति को सुरक्षित रखने की आजादी नहीं है?
क्या हिन्दुओ में दफनाए गए मुर्दो की पूजा और मंदिर धर्मानुसार है?
क्या हिन्दुओ की धार्मिक आस्था के साथ कोई भी खेल सकता है अपने लिए चार पैसे कमाने के लिए?
क्या एक और साईं बाबा का जन्म नॉएडा के मध्य में हो रहा है?
