डॉ नीलम महेंद्र

Writer. Taking a small step to bring positiveness in moral and social values.

बंगाल चुनाव देश की राजनीति की दिशा तय करेगा

बंगाल का यह चुनाव तृणमूल बनाम भाजपा मात्र दो दलों के बीच का चुनाव नहीं रह गया है बल्कि यह चुनाव देश की राजनीति…

तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्ति की और असम

असम सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अगले माह यानी नवंबर में वो राज्य में राज्य संचालित सभी मदरसों और संस्कृत…

बिहार चुनाव फैसला किसके पक्ष में?

नीतीश कुमार जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं और सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते हैं उन्होंने जेडीयू की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा…

किसान मुद्दा- क्या केवल विपक्ष जिम्मेदार है?

उचित तर्कों के अभाव में जो लड़ाई विपक्ष संसद में हार गया उसे वो भोले भाले लोगों को गुमराह करके सड़कों पर जीतने का…

वो यात्रा जो सफलता से अधिक संघर्ष बयाँ करती है

आज भारत विश्व में अपनी नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। वो भारत जो कल तक गाँधी का भारत था जिसकी पहचान…

यह कैसा लोकतंत्र जहां विरोध स्वीकार नहीं

लोकतंत्र में जनभावनाओं को समझना ही जीत की कुंजी होती है लेकिन शिवसेना लगातार अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है।

स्तरहीन पत्रकारिता का दौर

गर्व करने योग्य देश की उपलब्धियां हैं बल्कि जनमानस में सकारात्मकता फैलाने वाली खबरें हैं- आपदा को अवसर में बदलने की बहुत से कदम…

आदिवासी दिवस के बहाने अलगाववाद की राजनीति

दिवासी अथवा जनजातियों को उनके अधिकार दिलाने की मुहिम दिखने वाला "आदिवासी दिवस" नाम का यह आयोजन ऊपर से जितना सामान्य और साधारण दिखाई…

लोकतंत्र तो अधिकार देता है पर उदारवादी नहीं

आज जब हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा हो या लाउडस्पीकर पर अजान का न्यायसम्मत विरोध करने वाली महिला हो या फिर इसके…

कब तक सामने आते रहेंगे प्यारेमियाँ जैसे चरित्र?

क्या प्यारेमियाँ को दंडित करने मात्र ही समस्या का हल है? क्या प्यारेमियाँ अकेला अपराधी है? ऐसे अनेक सवाल हैं जो एक समाज के…