वो पीढियों से चली आ रही मांगे पूरी कर रहे, हमें उनका साथ नहीं छोड़ना

मैं बहुत पीछे नहीं जाना चाहता, बस तथाकथित स्वतन्त्रता वाले वर्ष से २०१४ तक कि अवधी (जिसमें स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी और स्व श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल को छोड़कर) हिंदुस्तान का सनातन समाज अपना सब कुछ इस राष्ट्र पर समर्पित कर देने के पश्चात् भी बदहाल था, कुंठित था, निराश था और स्वय को ठगा सा महसूस कर रहा था।

क्योंकि एक तथाकथित महात्मा ने “मुस्लिम तुष्टिकरण” एक ऐसा मंत्र दिया था जिसका कोई तोड़ समझ में नहीं आ रहा था। हर ओर इसी मंत्र का बोलबाला था, राष्ट्रपति भवन से लेकर गली कूचो तक इसी मन्त्र का राज था और कभी कभी तो ऐसा लगता था कि ये मंत्र संविधान कि आत्मा “उद्देशिका” से भी बड़ा स्थान प्राप्त कर चुका है।

पर साथियों गुजरात के लोगों ने संघ के एक जानेमाने प्रचारक पर राजनीती कि दुनिया में अनजान एक शिखर पुरुष को अपना नेता चूना और फिर क्या था समय ने करवट ले डाली और देखते हि देखते गुजरात विकास और विश्वास के रास्ते पर बढ़ते हुए भारतवर्ष के शेष भाग के लिए एक उदाहरण के रूप में स्थापित हुआ और तो और जनता ने जिस पर विश्वास किया उसने उस विश्वास को टूटने नहीं दिया और परिणाम सबके सामने था।

लगातार तीन बार मुख्यमंत्री चुने जाने के पश्चात् वर्ष २०१४ में उसे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में जनता जनार्दन के समक्ष प्रस्तुत किया गया और देखते हि देखते वो शिखर पुरुष अकस्मात रूप से राष्ट्र पुरुष बनकर उभर आया और २०१४ के पश्चात् सनातन धर्म के अनुयायीयों में अभूतपूर्व उत्साह और उमंग का संचार कर गया। चहूँ ओर आशा कि नई किरणें निराशा के चक्रव्यूह को तोड़कर सारे समाज में फैल गई और सनातन धर्मियों कि हर इच्छा को वह् पूर्ण करने लगा। उसने “मुस्लिम तुष्टिकरण कि गन्दी निति को देखते हि देखते उखाड़ फेंका और” सबका साथ सबका विश्वास और सबका विश्वास” के नई निति से चमत्कारी परिवर्तन कर डाला। आइये देखते हैं उसके द्वारा किये गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य:-

सर्वसम्मति और आदरणीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश से आयोध्या में प्रभु “श्री राम के भव्य मंदिर” बनवा रहे है। वाराणसी में परमेश्वर शिव के “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर” का निर्माण हो चुका है, मिर्जापुर में माता विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से “विंध्याचल कॉरिडोर” बन रहा है, “चार धाम को रेल रोड हवाई कनेक्टिविटी” से जोड़ा जा रहा है,”धारा 370 और 35ए” को हटाकर जम्मू कश्मीर के माथे पर लगा कलंक हट चुका है, “CAA” लागू करके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश के नर्क से अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान किया, 4 वर्षों से यूपी में “रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों/महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा” करवाया जा रहा है।

यही नहीं “श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा” हो रही है, यूपी में “रंगोत्सव, दीपोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव” धूमधाम से मनाया जा रहा है, अयोध्या में लाखों “दीप जलाकर” विश्व रिकॉर्ड बन रहा है, “दिव्य कुंभ भव्य कुंभ” का सफल आयोजन हो चुका है, “अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, चित्रकूट, विंध्याचल” का विकास और सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है, “रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट” बना रहे हो, “कैलाश मानसरोवर भवन” बनवाया जा रहा है,”लव जिहाद” जैसी गन्दी मानसिकता के खिलाफ” कानून बना रहे हैं, “जबरन धर्मांतरण के खिलाफ” कानून बन रहा है, “दंगे करने वाले दंगाइयों के खिलाफ वसूली” का सख्त कानून बन चुका है, सदियों से बंद “अक्षय वट, सरस्वती कूप” को श्रद्धालुओं के लिए खुलवाया जा रहा है।

इसके बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए “अकबर किले में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित” हो रही है, “रामेश्वरम को रामसेतु से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज” बन रहा है,”रामायण एक्सप्रेस” चल रही है, अयोध्या में “रामायण म्यूजियम” बन रहा है, अयोध्या में “251 मीटर ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा” स्थापित हो रही है, “अयोध्या से जनकपुरी (नेपाल) तक बस सेवा” शुरू हो चुकी है , मथुरा में “कृष्ण लीला म्यूजियम” बन रहा है, “विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भागवत गीता का अनावरण” किया जा रहा है, “बहरीन में 200 साल पुराने कृष्ण मंदिर का पुनरुद्धार” हो रहा है, “84 कोस परिक्रमा मार्ग 4 लेन” का बन रहा है, “केदारनाथ धाम का पुनरोद्धार” हो रहा है, “कैलाश मानसरोवर तक रोड” तैयार हो रही है, “कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए 1 लाख की सब्सिडी” मिल रही है, काशी में “काशी विश्वनाथ वर्चुअल म्यूजियम” बन रहा है, “माता वैष्णो देवी को रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी” से जोड़ा जा रहा है, “भैरो बाबा तक रोप-वे सेवा” शुरू, “वाराणसी से कटरा तक वन्दे भारत ट्रेन” चल रही है, “नमामि गंगे के तहत गंगा सफाई अभियान” चल रहा है, “जेलों में जन्माष्टमी का आयोजन” हो रहा है, “अयोध्या में रामलीला का मंचन” हो रहा, “नवरात्रि में कन्या भोज का आयोजन” हो रहा है, “फैजाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम “अयोध्या जी” हो चुका है, “इलाहाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज” कर दिया, “भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विभिन्न प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार” हो रहा।

और तो और “आबू धाबी में पहले भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण” हो रहा, “गौवंश के संरक्षण” के लिये योजनाएं चल रही हैं, “विभिन्न वैश्विक मंचो से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा” दिया जा रहा है, “संस्कृत यूनिवर्सिटी की स्थापना” हो रही है, “योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्व में स्थापित” कर दिया गया, “राष्ट्रीय गोकुल मिशन”, “राष्ट्रीय कामधेनु आयोग” का गठन तथा “कुंभ मेले को यूनेस्को की विश्व धरोहर कि सूची में शामिल” करवा दिया, “विश्व के नेताओ को गीता, रामायण भेंट” किया जा रहा, “बेसहारा गोवंशों के लिए कार्पस फंड की व्यवस्था” किया गया, यूपी में “प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी छात्र छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग” सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही, “4 करोड़ से अधिक छात्रों के लिए 59,000 करोड़ रुपए से अधिक की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना” शुरू कर लागू कर दिया गया।

मित्रों उस राष्ट्र पुरुष ने केवल उतना हि नहीं अपितु जनधन योजना के अंतर्गत हर गरीब और मजदूर को बैंक से जोड़ दिया, नोटबंदी करके काले धन वाले सफेदपोशों के नाक में नकेल कस दिया, मुफ्त में गैस का चूल्हा और सिलिंडर देकर माताओ को धुँवा रूपी अंधकार से मुक्ति दिला दी, बिजली घर घर पहुंचाकर गरीबों का जीवन आसान बना दिया, किसानों के खातों में हर वर्ष ६ हजार रुपए देकर उन्हे मानसिक संतुष्टि पहुंचाई, फसल बीमा योजना के तहत, आकस्मिक दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान की, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों गरीबों को आवास प्रदान किया, स्वच्छ भारत योजना के तहत घर घर में शौचालय बनवा दिया, कन्या समृद्धि योजना से बेटियों को मुस्कराने का मौका दिया, आयुष्मान योजना से गरीबों को ५ लाख तक कि चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की, केवल रुप्ये१२ प्रति वर्ष के प्रीमियम पर ₹ २ लाख तक कि बीमा प्रदान की।

यही नहीं साहेब कभी अमेरिका से कभी चिन से और कभी रसिया से टक्कर लेकर भारतीय सेना को अधिकतम व अधुनिकतम हथियारों से अमीर बना दिया। भारत कि चिन से सटी हुई सीमा रेखा के आस पास सड़को, ब्रिजो और अन्य संसाधनों का जाल सा बिछा दिया जिसके कारण चीन कि सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।

यही नहीं कोरोना “कोवीड-१९” नामक वैश्विक बीमारी से लड़ते हुए अपने देश में हि वेक्सिन का निर्माण कराया और आधी दुनिया को वेक्सिन देते हुए अपने देश के नागरिकों कि सुरक्षा और रक्षा की। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत, Start-up और Make in India जैसे आंदोलन को बढ़ावा दिया जिससे युवाओं में रोजगार के स्थान पर स्वरोजगार कि दिशा में प्रस्थान करने कि प्रेरणा मिली और उन्होंने अपनी तक़दीर के साथ साथ औरो कि भी तक़दीर बदल कर रख दी।

इसके अतिरिक्त क्या आप सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक को भूल सकते हैं, क्या गलवान घाटी में भारतीय सैनिको के पराक्रम को भूल सकते हैं, नहीं ना, क्या श्रीनगर के लाल चौक पर पूरे मान, सम्मान और स्वाभिमान से फहरा रहे तिरंगे को भूल सकते हैं नहीं ना….

क्या आप भूल सकते हैं कि:-
१:-उत्तर प्रदेश में २०१७ से पहले पुलिस आजम खान कि भैंस ढूढने का काम करते करते जनता से दूर हो गई थी पर २०१७ के बाद उसी पुलिस ने माफियाओ को ढूढना और ठिकाने लगाना शुरू कर दिया और जनता कि चहेती बन गई।

२:-उत्तर प्रदेश में २०१७ से पहले चमचो और सड़कछाप गुंडों, माफियाओ का राज था वो किसी भी तरह सरकारी या गैरसरकारी ज़मीन पर दबंगई से कब्जा करके और अपने काले धन से अपने महल और बड़ी बड़ी दुकाने खड़ी कर लेते थे पर
२०१७ के बाद उन्हीं चमचो और सड़कछाप गुंडों, माफियाओ के यंहा कुर्की और बुलडोजर ने वो कहर ढाया कि ना केवल उनके कब्जे से हजारों करोड़ कि सरकारी और गैर सरकारी जमीने मुक्त हो गई अपितु हजारों करोड़ का जुर्माना भी वसूला गया और उनके दिलो में क़ानून और पुलिस का खौफ भर् दिया वो अलग से।

३:-उत्तर प्रदेश में २०१७ से पहले चमचो और सड़कछाप गुंडों, डकैतो के रंगदारी के कारण जनता पलायन को मजबूर थी पर
२०१७ के बाद उन्हीं चमचो और सड़कछाप गुंडों, डकैतो के दिलो में क़ानून और पुलिस का इतना खौफ भर् दिया सरकार ने कि वे अपने अपने क्षेत्रों से पलायन कर जेलों मे जिन्दगी गुजार रहे हैं।

४:-उत्तर प्रदेश में २०१७ से पहले चमचे और सड़कछाप शोहदे सरे राह माताओ और बहन बेटियों के साथ छेड़खानी कर सीना तान के धमकाते हुए घूमते थे पर २०१७ के बाद वहीं चमचे और सड़कछाप शोहदे बहन बेटियों और माताओ कि ओर बुरी दृष्टि डालने से भी घबराते हैं।

५:-उत्तर प्रदेश में २०१७ से पहले आतंकवादियों पर से अदालत में दाखिल किये गए केस वापस लेकर उन्हें फिर से आतंक फैलाने के लिए छोड़े जाने का प्रयास किया जाता था पर २०१७ के बाद उन्हीं आतंकियों को ठोकने के लिए ATS सेंटर खोला जाता है।

तो ज़रा सोचिए जिन लोगों ने हम सनातन धर्मियों को इतना सब कुछ दिया तो क्या हम उनको अपने राष्ट्रहित में वोट नहीं दे सकते। हम सनातन धर्मी ना तो बटेंगे और ना हटेंगे बल्कि जिन्होंने हम इतना दिया है उनके सम्मान में मैदान में डटेंगे।

कुछ भी हो उत्तर प्रदेश में भाजपा कि हि सरकार बनाएंगे।

जय हिंद, वन्देमातरम, भारत माता कि जय।
नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)

Nagendra Pratap Singh: An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.
Disqus Comments Loading...