चोरी की गाड़ियों से बना करोड़पति एक कबाड़ीवाला- हाजी नईम aka हाजी गल्ला

मित्रों क्या आपने कभी सोचा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब आदि जगहों से रोजाना सैकड़ों कारें और दोपहिया वाहन चोरी हो जाते हैं पर ये सभी चोरी के वाहन गायब कंहा हो जाते है। जी हाँ ये चोरी के वाहन गायब कंहा हो जाते हैं और इनके गायब होने में उत्तर प्रदेश के मेरठ जीले के सोतीगंज इलाके का क्या हाथ है?

इस कथानक कि शुरुवात होती है वर्ष १९९० से जब हाजी गल्ला के पिता निजाम कुर्सी बुनते थे और तैयार माल बाजार में बेचते थे, उससे पूरे परिवार का पेट पलता था। वर्ष १९९५ में हाजी गल्ला ने सर्वप्रथम दो पहिया वाहनों के रिपेयरिंग कि दुकान डाली। ये दुकान उसी सोतीगंज इलाके मे थी। धीरे धीरे हाजी गल्ला हाजी नईम कबाड़ वाला बन गया और इसी कबाड़ के धंधे कि आड़ में उसने चोरी की बाइक काटने का धंधा शुरू किया। बाइक और इसके बाद चोरी के चार पहिया वाहनों को काटने का धंधा जोरों से चल निकला और इस अवैध कारोबार को उसने धीरे-धीरे सोतीगंज के अलावा कई स्थानों पर फैला दिया। बेशुमार दौलत कमाई और 2021 में हाजी गल्ला पहले करोड़पति और फिर अरबपति हो गया। हाजी गल्ला ने पिछले 25 सालों में अरबों रुपए का कारोबार खड़ा किया है। उसने सोतीगंज व सदर बाजार इलाके में 2 आलीशान मकान खड़े कर दिए। पांच साल पहले पटेल नगर में कोठी खरीदी। इसके अलावा गल्ला पर उत्तराखंड में भी संपत्ति खरीदने की बात सामने आई है। गल्ला के कई प्लाट सदर बाजार इलाके में हैं, जिनमें ऊंची बाउंड्री कर गोदाम बना रखे हैं। छह गोदाम और कैंट जैसी जगह में फार्म हाउस बना हुआ है। गल्ला की संपत्ति दूसरे राज्यों में भी है।

वर्ष २०१७ से पूर्व हाजी गल्ला हाजी नईम पर कभी कार्यवाई नहीं हुई। २०१७ से पुर्व् पुलिस ने गल्ला के घर पर कभी दबिश नहीं दी थी। हाजी गल्ला के पैसों कि धमक सत्ता के गलियारों तक गूंजती थी, सत्ताधारी नेताओं से साठगांठ बड़ी मजबूती से रखता था। मेरठ के सोतीगंज में 500 से ज्यादा दुकान कबाड़ियों की हैं।

उसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव कि सरकार में हाजी गल्ला ने एक मंत्री से साठगांठ कर रात में ही एक इंस्पेक्टर और एक उच्च अधिकारी का ट्रांसफर करा दिया था। हाजी गल्ला का दुस्साहस ऐसा था कि वो उसके गुर्गे थानों में खुलेआम कहते फिरते थे कि गल्ला पर हाथ डालने का मतलब है मेरठ से ट्रांसफर।

हाजी गल्ला @ हाजी नईम कितना बड़ा चोर है इसका अनुमान आप इस अकाट्य तथ्य से लगा सकते हैं कि उसके खिलाफ चोरी व लूट के वाहन खरीदने के 32 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। उसके विरुध गैंग्स्टर एक्ट के तहत भी कार्यवाई शुरू हो चुकी है।

जब हाजी गल्ला @ हाजी नईम के ऊपर प्रथम बार पुलिस प्रशासन का डंडा चला तो हाजी गल्ला अपने चार बेटों के साथ भाग निकला और किसी बिल में जाकर छीप गया पर 50 हजार का इनामी बदमाश हाजी गल्ला अपने चोर बेटों के साथ, कुर्की वारंट जारी होते ही ७/१०/२०२१ को कोर्ट में सरेंडर कर गया। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया । हाजी गल्ला के ठिकाने कहां-कहां हैं और उसका नेटवर्क कितना बड़ा है, इसका पता लगाने के लिए रिमांड को लेकर तीन दिन तक कोर्ट में बहस चली।

हाजी गल्ला का इलाके में कितना खौफ है इस तथ्य का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि कुर्की के लिए जाते वक्त एएसपी मेरठ (IPS) सूरज राय भारी फोर्स के साथ पटेल नगर पहुंचे। उनके साथ 5 थानों के इंस्पेक्टर व 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी थे। उसमें 3 सीओ व मजिस्ट्रेट भी शामिल थे। एएसपी सूरज राय ने लाउड स्पीकर से एनाउंस किया कि हाजी नईम उर्फ गल्ला इसके खिलाफ 30 से ज्यादा मुकदमे हैं। यह वाहन काटने और वाहन चोरी का काम करता है। इसके खिलाफ जो मुकदमा है, उसमें पता चला की पटेल नगर की यह कोठी अपराध करके अवैध रूप से अर्जित की है। जिलाधिकारी के आदेश पर इसे कुर्क किया जाता है। इस संपत्ति का कोई भी क्रय व विक्रय नहीं कर सकता। इसके आलावा उसकी आठ बड़ी दुकानों को जब्त कर लिया गया और उसके सभी बैंक खाते भी जब्त कर लिए गए।

वर्तमान में यह हाजी नईम और उसके चार बेटे जेल में हैं और हर बार जब वह पेश होने के लिए आता है, तो वह बीमार होने का नाटक करता है।

वैसे आपको बता दे की मेरठ के सोतीगंज में लगभग 32 बड़े कबाड़खाने हैं और इन सभी कबाड़खानों के मालिक मुस्लिम हैं। उन्हें चोरी का माल हड़प लेने में इतनी विशेषज्ञता हासिल है की वे पूरी कार को सिर्फ 2 मिनट में काट देते हैं और कार के हर हिस्से को अलग करके पूरे भारत में ऑटो पार्ट्स बाजार में बड़ी पैकिंग के साथ बेचने के लिए भेज देते हैं।

यह एक मुस्लिम पारिस्थितिकी तंत्र का आधार है जिसमें हिंदुओं की चोरी की कार और बाइक बिना किसी निवेश के मुसलमानों को लाखों रुपये देते थे क्योंकि पूरे भारत में ऑटो पार्ट्स की आपूर्ति करने वाले भी यही लोग हैं।

चोरी के वाहनों को काटने वाले मेरठ के सोतीगंज के कबाड़ बाजार के 32 कबाड़खानों पर योगी सरकार ने गुपचुप नजर रखी थी और जब पूरे सबूत जुटाए गए तो पता चला कि इन चोरों ने अवैध रूप से करीब 48 अरब रुपये की संपत्ति बनाई है, वह भी बिना किसी निवेश के।

वैसे हांजी गल्ला और उसके चार बेटों के अतिरिक्त पुलिस ने तीन अन्य को हिरासत में लिया है। जिनसे सोतीगंज की सारी जानकारी ली जा रही है। हाजी इकबाल, मन्नू, जिशान, तुफेल, राहुल काला समेत कई कबाड़ियों की संपत्ति के बारे में पुलिस को पता चला है। सोतीगंज के मामले में पुलिस की गोपनीय कार्रवाई चल रही है।

इसी कड़ी में पुलिस को एक और बड़ी सफलता तब हाथ लगी जब दिसंबर 2020 में रेलवे रोड थाना क्षेत्र में एक बाइक चोरी के लिए पंजीकृत किये गए मुकदमे में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाइक चोर की पहचान हो गई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रिमांड के दौरान पूछ्ताछ पर खुलासा हुआ कि बाइक चोर ने यह बाइक सोतीगंज के कबाड़ी आदिल को बेची थी।

पुलिस ने मुकदमे में आदिल का नाम शामिल किया और उसके घर दबिश दी। पुलिस उसे पकड़ने में कई बार नाकाम रही। दो महीने पहले न्यायालय द्वारा एनबीडब्ल्यू जारी किया गया। पिछले महीने रेलवे रोड पुलिस ने आदिल के मकान पर कुर्की नोटिस चस्पा कर दिया। पुलिस ने पहले धारा 174 के तहत न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का आदिल पर मुकदमा किया और फिर कुर्की आदेश लेने के लिए आवेदन कर दिया और इस प्रकार न्यायालय ने कुर्की आदेश जारी कर दिया।

अब तक सोतीगंज के इन कबाड़ियों पर कार्रवाईकि गई है।

  • नईम उर्फ हाजी गल्ला निवासी सोतीगंज।
  • जिशान उर्फ पव्वा निवासी सोतीगंज।
  • शुऐब निवासी केले वाली कोठी सदर बाजार।
  • फुरकान निवासी सोतीगंज।
  • अलीम निवासी सोतीगंज।
  • बिलाल पुत्र हाजी गल्ला निवासी सोतीगंज।
  • इलाल पुत्र हाजी गल्ला निवासी सोतीगंज।
  • खालिद निवासी मोरगंज सदर बाजार।
  • वसीम निवासी केले वाली कोठी सदर बाजार।
  • अब आप स्वयम् सोच सकते हैं कि कैसे एक मामूली सा मिस्त्री पहले कबाड़ वाला बनता है फिर देखते हि देखते चोरी कि गाड़ियों को काट कर उनके कल पुर्जों को बाजार में बेचकर पहले करोडपति और फिर अरबपति बन गए बिना एक पैसा इस धंधे में लगाए। ये इतना बड़ा नेट्वर्क है कि पूरा देश इसके मकडजाल में गिरफ्त है।

आपको याद होगा कि बिहार के शिवान जीले में भी एक माफिया डान हुआ करता था जिसके आतंक से COVID-19 मुक्ति दिलाई थी वो भी इसी कौम का था और इस गैर कानूनी धंधे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ था।

पूरे भारतवर्ष में इन चोर उचक्को ने जनता के परिश्रम कि कमाई को लूटने का यह अवैध धंधा फैलाया हुआ था खैर आज सोतीगंज कि सफाई हुई है, कल देश के किसी और जीले कि सफाई होगी पर हमें आपको इन चोरों से सतर्क और सावधान रहना है।

जय हिंद वन्देमातरम।
नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता) aryan_innag@yahoo.co.in

Nagendra Pratap Singh: An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.
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